Wednesday, 30 January 2013

हिन्दी से मेरा नाता


आखिरकार !
पिछले कुछ सालों से मेरा हिन्दी से जैसे नाता ही टुट गया है । अब हिन्दी में लिखते हुए बहुत अजीब सा लगता है। ये ब्लोग एक कोशिश है इस दुरी को मिटाने की ।
मैं यहां पर हर सप्ताह में कम से कम एक बार लिखने का प्रयत्न करुगां । अभी तो हिन्दी में टाईप करने में ही अच्छी खासी मेहनत लग जाती है ।
अगर आप गलती से इस ब्लोग पर आ पहुंचे हैं, तो अनुरोध है कि कुछ टिप्पणी  जरुर छोड़ियेगा । 

धन्यवाद ।

DEEPS

1 comment:

  1. आपकी सोच काफी महान है। यदि ऐसी विचार वाले लोग कुछ और हो तो निश्चित रूप से हिन्दी भाषा समृद्ध होगी। आशा है आप अपना ये प्रयास जारी रखेंगे। " कौन कहता है कि आसमान में........."

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