Monday, 1 November 2021

Existence and meaning = absurdity?

 Perspective 90's kid : आज शाम को जब बाहर देखा तो चौंक कर बाहर गया l नजदीक से देखा तो LED lights थी, दिवाली के लिये सोसाइटी वालों ने, पेड़ पोंधों को भी नहीं छोड़ा I मुझे बचपन की याद आ गयी, जब रोज शाम को तारे गिनते, फिर अचानक जुगनू ( Firefly ) दिखने लग जाते I जुगनू के पीछे भागते, उनको बोतल में भी बंद किया l पकड़ कर अपने रूम मे भी बंद किया l एक दिन तो जुगनू को ऊँगली से मार कर, अपनी दिवार में लाइन बना दी, जो रात भर चकती रही l फिर मम्मी ने बताया की ऐसा नहीं करते, जब भी जुगनू घर में आये उसको आटा खिलाओ l आखिरी बार जुगनू से चमकता जंगल, असम में देखा था l मैं भी लाया हूँ LED लाइट की लड़ी लंबी से, किंतु मन नहीं है लगाने का l सोचता हूँ मम्मी आये औऱ सोसायटी वालों से कहे की ऐसा नहीं करते l एक दिन सोचने के बाद अब लग रहा है,मेरे भी घर के आगे सूना सूना लग रहा है l मैं भी  माला उठाऊँगा औऱ कल पेड़ मैं लगा दूँगा l औऱ मन ही मन Sartre से  कहूंगा " my existence is absurd " l

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