Perspective 90's kid : आज शाम को जब बाहर देखा तो चौंक कर बाहर गया l नजदीक से देखा तो LED lights थी, दिवाली के लिये सोसाइटी वालों ने, पेड़ पोंधों को भी नहीं छोड़ा I मुझे बचपन की याद आ गयी, जब रोज शाम को तारे गिनते, फिर अचानक जुगनू ( Firefly ) दिखने लग जाते I जुगनू के पीछे भागते, उनको बोतल में भी बंद किया l पकड़ कर अपने रूम मे भी बंद किया l एक दिन तो जुगनू को ऊँगली से मार कर, अपनी दिवार में लाइन बना दी, जो रात भर चकती रही l फिर मम्मी ने बताया की ऐसा नहीं करते, जब भी जुगनू घर में आये उसको आटा खिलाओ l आखिरी बार जुगनू से चमकता जंगल, असम में देखा था l मैं भी लाया हूँ LED लाइट की लड़ी लंबी से, किंतु मन नहीं है लगाने का l सोचता हूँ मम्मी आये औऱ सोसायटी वालों से कहे की ऐसा नहीं करते l एक दिन सोचने के बाद अब लग रहा है,मेरे भी घर के आगे सूना सूना लग रहा है l मैं भी माला उठाऊँगा औऱ कल पेड़ मैं लगा दूँगा l औऱ मन ही मन Sartre से कहूंगा " my existence is absurd " l
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Deeps Venteruption
What is Hinduism? : its time to Kill the God
छुट्टी का दिन था, तो सुबह चाय के साथ Lax Fridman का पॉडकास्ट सुन रहा था, जिसमें Roger Penrose ने consciousness औऱ AI के कुछ पहलुओं पर बात ...
-
India has entered into a postmodernism phase of ideology, though which is in a staggering mode. A critical awareness and awakening i...
-
पहाड़ों के दर्द की एक पुरानी कहावत है " पहाड़ों की जवानी,मिट्टी औऱ पानी कभी पहाड़ों के काम नहीं आती" l आज भी उत्तराखंड की...
-
Civil Liberty vs Natural Liberty : State को लगा की ट्रैफिक समस्या को सही करना है तो रोड का विस्तार करना चाहिए, किंतु रोड के किनारे बनी बस...
No comments:
Post a Comment