Civil Liberty vs Natural Liberty : State को लगा की ट्रैफिक समस्या को सही करना है तो रोड का विस्तार करना चाहिए, किंतु रोड के किनारे बनी बस्ती को कैसे हटाया जाये? फिर क्या, फरमान जारी हुआ, state ने अपना क्रूर लेवियाथान वाला खोल ओड़ा l बन्दूक धारी सुरक्षा बल औऱ आधुनिक मशीनो (JCB ) के साथ काम हुआ बस्ती को हटाने का l बस्ती को तो कुचल दिया, पर एक पेड़ बीच में आ गया l State ने अपना दम दिखाया, किंतु Environment activist धरने में उतर गये l बस्ती तो हट गयी, पेड़ को नहीं हटा पाये lबस्ती के लोगों ने आधुनिक राज्य की सभ्यता औऱ civil liberty को पाने के लिये, अपने सारे Natural rights औऱ Liberty राज्य को सौंप दी l किंतु, राज्य की चालाकी थी या फिर कुछ लोगों की, बहुत लोग आधुनिक सभ्यता में शामिल हो गये औऱ एक सभ्य नागरिक के खोल में खूब मजा लूटा रहे civil liberty का l जो चालाक नहीं थे, वो रह गये इस दौड़ में पीछे, साथ ही Civil Liberty पाने की आशा में Narutal liberty भी खो दी l अब उनकी हालत Lemmings की तरह है, जी suicide के लिये समुद्र में तो कूद जाते हैं, किंतु उनको तैरना भी आता है l अब ऐसे स्थिति हैं की, state of nature में नंगे घूम सकते थे, खाना भी था, कोई रोक टोक नहीं थी, उसने अच्छे कपड़े,भोजन , बेहतर जीवन की आशा में सब पीछे छोड़ दिया l अब ऐसी हालत हैं की, ना तो नंगा घूम सकता हैं, ना ही पहनने के लिये कपड़े हैं, ना ही जानवर को मारकर, युद्ध करके पेट की आग को शांत कर सकता हैं, ना ही उसके पास साधन हैं सभ्य होकर जीने में l आधुनिक समाज तो विकास की पराकाष्ठा में गुफाओं से गगनचुम्बी अट्टालिकाओ तक पहुंच गया l वह निकल आया Natural liberty से इतना दूर की वापस नहीं जा सकता औऱ Civil liberty की मृगमरिचिका पाने की उम्मीद में झूल रहा हैं l
Deeps
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