छुट्टी का दिन था, तो सुबह चाय के साथ Lax Fridman का पॉडकास्ट सुन रहा था, जिसमें Roger Penrose ने consciousness औऱ AI के कुछ पहलुओं पर बात की | बहुत दिनों से ये puzzle मेरे दिमाग़ में दौड़ रहे थे, क्योंकि Hinduism में माना गया है की Consciousness को नहीं समझा जा सकता | वेदांत दर्शन, मांडूक्य उपनिषद् के अनुसार Consciousness ( ब्रह्म और चित्त ) को मानव मस्तिष्क द्वारा नहीं समझा जा सकता | Roger penrose ने इन्हीं बातों को Mathematical physics के द्वारा समझाया है कि क्यों ब्रह्म को नहीं समझा जा सकता | चाय के साथ मैंने मांडूक्य उपनिषद् के 7वॉ श्लोक, Roger penrose कि shadows of the mind और Max Tegmark की our Mathemetical universe के मध्य इस कड़ी को ढूंढ़ रहा था, साथ ही Hinduism में मेरे गहरे विश्वास की धारणा औऱ मजबूत हो गयी | तभी मोहल्ले का स्पीकर बजा " यूपी में फिर से भगवा लाहाराएँगे " | आज कॉलोनी में चुनाव रैली थी, जिसके मुख्य अतिथि एक विद्वान थे, जो जोर जोर से चिल्ला रहे थे की हमने मंदिर बना दिया, हिन्दू राष्ट्र बनेगा, भगवा आएगा, ना जाने क्या क्या फूहड़ ज्ञान था | मैं स्पीकर की आवाज के साथ हिन्दू दर्शन के खयाल में उलझा रहा | Quantum mechanics, String Theory, Multiverse की शायद ही क़ोई ऐसी किताब हो जिसमें Hinduism का जिक्र ना हो | Eugene wigner, Schrodinger, Fritjof capra, werner Heisenberg जैसे अनेक विद्वान Hinduism के वेदांत दर्शन से प्रभावित थे l Quantum gravity, Strings theory औऱ Hyperspace के अनसुलझे रहस्य भी हिन्दू दर्शन में लिखे हुऐ है, किंतु उनको समझना मुश्किल है l
Friedrich Nietzsche जिसने
" Gott ist tott " i.e God is dead के सन्देश द्वारा जर्मनी में जागरूकता की नींव रखी | आज के भारत को भी नीत्शे की जरुरत है, जो अपने तर्क की धारधारी तलवार से ईश्वर का गला काट दे औऱ मुक्त कर दे हिन्दू दर्शन को भगवान औऱ ईश्वर से | अंततः, hiduism को वैदिक संस्कृति के मानको में स्थापित कर दे, जहाँ ईश्वर की बजाय सत (Real) का अस्तित्व हो, औऱ सभी मनुष्य स्वयं की खोज से प्रेरित हो |( that art thou )
अहम् ब्रह्मस्मी
Deeps
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