इज़ा फसक , पहाड़ कसक
भाग 2 -ऐपणइज़ा दीवाली आ गे ,
लाल माट कॉ होल ,
भितर लिप दिनू ,
ऐपण लिख दिनू ।
परुली! अफ़ी बज़्ज़ी रुँ ,
ऐपणे है रान ........
दूनी संसार में कस
फैशन चल रो ।
सीमेंट कूड़ में ,
प्लास्टिक वाल ऐपण
चिपका दी ,
बज़ार बे लक्ष्मी का
द्वि खूट् खरीद लाये ।
टैम् है जालो ,
पेंट वाल ऐपण
लिख दे ,
पाथर कूड़ में ;
हाथ लै ऐपण
खित दी; बस
शकुन जस है जालो।
यो हमर पुर्ख ना ,
चलाई रिवाज़ भे परुली ।।
फैशन अपण जाग ,
रिवाज़ अपण जाग ।।
दीपक कुमार जोशी दीप्स
कॉपीराइट@2016
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